दोस्तों स्वागत है आपका हमारे इस ब्लॉग में आज मैं आपको बताने वाला हूं ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होता है स्काई बेसिकली यूज़ कहां होता है दोस्तों अपने कंप्यूटर से जलाए होगा आपने कोई सॉफ्टवेयर यह सब कुछ काम किया होगा कंप्यूटर के जरिए तो कंप्यूटर में जो windows10 ,Windows7 और भी कई सारे ऑपरेटिंग सिस्टम है तो वह प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम है जिनके देखेगी हम हमारा काम कर सकते हैं बड़ी ही आसानी से तो आज मैं आपको ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में बताने वाला हूं तो आइए दोस्तों शुरू करते हैं आज का topic
operating system क्या है।
operating system एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसको हम सिस्टम सॉफ्टवेयर के नाम से भी जानते हैं जो सॉफ्टवेयर के समूह से बना है इस सॉफ्टवेयर में कंप्यूटर में कंप्यूटर को OPERATE करने के लिए और प्रोग्राम को एग्जीक्यूट करने के लिए निर्देश स्टोर होते हैं दोस्तों का ऑपरेटिंग सिस्टम जो होता है वही USER और HARDWARE के बीच इंटरफ़ेस का कार्य करता है कंप्यूटर सिस्टम के RESOURCES को ASSES करने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम बहुत सारी FACILITY देता है जिसके द्वारा दूसरे PROGRAMS हम बड़ी ही आसानी से उपयोग करते हैं जैसेFILESऔर O/N डिवाइसेज प्रोग्राम और भी कई सारी सर्विस ऑपरेटिंग सिस्टम सेल्स के माध्यम से मांगता है अथवा ऑपरेटिंग सिस्टम जो होता है वह इंटरनल रूप से कंप्यूटर के रिसोर्सेज को मैनेज करने का कार्य भी करता है जैसे PROCESSOR हो गयाMEMORY हो गई फाइल हो गया वह भी कई सारे जो कंपोनेंट्स है जैसे आउटपुट आउटपुट इनपुट डिवाइसेज हो गई ऑपरेटिंग सिस्टम की हर रिसर्च के स्टेट स्टेटस का रिकॉर्ड रखता है और यह निर्णय लेता है कि इससे किसे कब और कितने समय में चलाना है या कितना समय प्रदान करना है
types of operating system
दोस्तों ऑपरेटिंग सिस्टम कई तरह के होते हैं हर ऑपरेटिंग सिस्टम की अपनी एक अलग ही पहचान होती है हर ऑफिस अलग-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम अलग-अलग फैसिलिटी प्रदान करते हैं
Windows operating system,Linux operating system
इसके अलावा भी और भी कई सारे ऑपरेटिंग सिस्टम होते हैं
इसके अलावा भी और भी कई सारे ऑपरेटिंग सिस्टम होते हैं
functions of operating system
दोस्तों operating system सब के अलग-अलग जो वर्जन होते हैं उन वर्ज़न के अनुसार सब के अलग-अलग फंक्शन होते हैं लेकिन हम जो इस पोस्ट में बात करने वाले हैं यह जो फंक्शन है यह लगभग लगभग सभी तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम में सामान्य रूप से पाए जाते हैं तो आइए जानते हैं इनके फंक्शंस के बारे में
1. memory management दोस्तों ऑपरेटिंग सिस्टम मैं दोस्तों अगर आपने मेमोरी के बारे में तो सुना ही होगा एक तो प्राइमरी मेमोरी और दूसरी होती है सेकेंड्री मेमोरी तो जो प्राइमरी मेमोरी और सेकेंडरी मेमोरी के बीच का बीच प्रोग्राम की बहुत कम सेविंग होती है ज्यादातर आइडियल टाइम में प्रोग्राम प्राइमरी मेमोरी में ही रहता है ताकि वह रेस्पॉन्स मिल सके इसलिए रियल टाइम सिस्टम में मेमोरी मैनेजमेंट मल्टी प्रोग्रामिंग सिस्टम के कंपैरिजन में लेस डिमांडिंग होता है real time mein system a process दूसरे से कॉर्पोरेट करते हैं जोकि प्रोटेक्शन ऑफ़ मेमोरी शेयरिंग का फीचर उपलब्ध कराता है
2. input output management तो इनपुट आउटपुट मैनेजमेंट का जो सेक्शन होता है वह रियल टाइम सिस्टम के मेन कैरेक्टर में से है इंक्रिप्ट मैनेजमेंट और इनपुट आउटपुट बफरिंग से SOPHISTICATED FROM को provide करता है।
3. FILE MANAGEMENT रियल टाइम सिस्टम में फ़ाइल मैनेजमेंट का प्राइमरी ऑब्जेक्टिव एक्सेस को बढ़ाना होता है na ki secondary storage का efficient यूटिलाइजेशन परंतु दोस्तों कुछ रियल टाइम सिस्टम में सेकेंडरी स्टोरेज ही नहीं होता है लेकिन रियल सेंड सिस्टम में प्रोवाइड किए गए फाइल मैनेजमेंट को वे सभी रिक्वायरमेंट्स सेटिस्फाई करनी चाहिए जो कि रियल टाइम शेयरिंग और दूसरे मल्टी प्रोग्रामिंग सिस्टम में पाई जाती है तो यह था फाइल मैनेजमेंट का कार्य जो ऑपरेटिंग सिस्टम मैनुअली करता है।
4.booting दोस्तों अपने मीटिंग के बारे में तो सुना ही होगा कोल्ड बूटिंग और वह मीटिंग तो जब हम कंप्यूटर की पावर को ऑन करते हैं तब रैम को यह इंस्ट्रक्शन रन होते हैं जो सिस्टम हार्डवेयर को एकexamine करते हैं हैं कि सब कुछ प्रॉपर तरीके से चल रहे नहीं चल रहे हैं कहीं पर कोई प्रॉब्लम तो नहीं है वह प्रॉपर तरीके से जांचकर्ता है दोस्तों आपने पोस्ट के बारे में तो सुना ही होगा अगर नहीं सुना हो तो मैं बता दूं पोस्ट पोस्ट का पूरा नाम होता है पावर ऑन सेल्फ टेस्ट पावर ऑन सेल्फ टेस्ट जो होता है इसका भी सिली क्या कार्य होता है पावर ऑन test जो होता है वह सीपीयू मेमोरी बेसिक कंपोनेंट्स जो भी होते हैं इनपुट आउटपुट सिस्टम को ईयर के लिए चेक करता है वह रिजल्ट को स्पेशल मेमोरी लोकेशन में स्टोर कर देता है जब पोस्ट सक्सेसफुली कंप्लीट हो जाता है तो रूम में लोड सॉफ्टवेयर कंप्यूटर की डिस्क ड्राइव को एक्टिव कर देगा करता है सभी मॉडर्न कंप्यूटर में जब हम कंप्यूटर हार्ड डिस्क को एक्टिव करते हैं पहली सीट सेट अपलोड मिलती है जो कि ऑपरेटिंग सिस्टम का सबसे पहला part होता है ।
5.bootstrap loader doston operating system मैं बूटस्ट्रैप की भी एक अहम भूमिका होती है बूटस्ट्रैप एक चोर प्रोग्राम है जिसका सिंगल फंक्शन है यह ऑपरेटिंग सिस्टम को मेमोरी को लोड करने में यह लोड करने के लिए लोड करने का जो ऑपरेशन होता है उसको शुरू करने के लिए यह रेस्पॉन्स देता है अलाव करता है बेसिक फॉर्म में बूटस्ट्रैप लोडर स्माल ड्राइव प्रोग्राम को सेट करता है जो कि हार्डवेयर सब सिस्टम के साथ इंटरफ़ेस करके उनको कंट्रोल करती है या मेमोरी के डिस्कशन को सेट करता है जो कि ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर की इंफॉर्मेशन और एप्लीकेशंस को स्टोर करता है यह डाटा स्ट्रक्चर इस्टैबलिश्ड करता है myriad सिंगल्स फ्लेक्स और semaphors को स्टोर करता है जो कि कंप्यूटर के एप्लीकेशन सिस्टम के बीच कम्युनिकेशन करने के काम आता है
6. processor management तो दोस्तों अब बात करते हैं प्रोसेसर मैनेजमेंट की प्रोसेसर मैन एंड मैनेजमेंट को मैनेज करने के लिए दूर रियल रिलेटेड इश्यूज आते हैं पहला ईशु आता है कोशिश करो एरिक्सन के पास पर्याप्त प्रोसेसर टाइम हो ताकि वह प्रॉपर्ली फंक्शन कर सके और दूसरा यह कि रियल वर्क के लिए हम ज्यादा से ज्यादा प्रोसेसर साइकिल का उपयोग करें वह सॉफ्टवेयर का वह बेसिक यूनिट जिसे ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोसेसर के वर्क का शेड्यूल करने के दौरान दिल करता है और वह प्रोसेस है या तो थ्रेड है जोकि ऑपरेटिंग सिस्टम पर डिपेंड करती है
7.devices management तो दोस्तों अब बात करते हैं डिस्क मैनेजमेंट के बारे की ऑपरेटिंग सिस्टम और हार्डवेयर जोक बेसिकली कंप्यूटर में कार्य करते हैं वह सभी हार्डवेयर मदरबोर्ड पर तो नहीं हो सकते उन सभी को एक स्पेशल प्रोग्राम से होकर गुजरना पड़ता है जिसे ड्राइव्स का जाता है ड्राइवर का फंक्शन क्या होता है ड्राइवर का फंक्शन होता है कि ड्राइव्स फंक्शन ट्रांसलेटर का है जोकि हार्डवेयर सब सिस्टम के इलेक्ट्रिकल सिगनल्स को ऑपरेटिंग सिस्टम और एप्लीकेशन प्रोग्राम्स की हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस के लिए ट्रांसलेट करता है और ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा डिफाइन की गई फाइल से ड्राइवर डाटा लेता है और बीट्स कि इस टाइम में ट्रांसलेट करके स्टोरेज डिवाइस को स्टोर करा देता है या फिर प्रिंट के माध्यम से लेजर पल्स की एक सीरीज बना देता है
8.user interface दोस्तों अब जो आखरी पॉइंट है वह यह है कि यूजर इंटरफेस यूजर इंटरफेस के बारे में तो दोस्तों आपने सुना ही होगा तो अब बात करते हैं यूजर इंटरफेस की यूजर डायरेक्टली ऑपरेटिंग सिस्टम कमांड्स के द्वारा या उससे कहीं पर क्लिक करते हैं यह किसी इनपुट डिवाइस के द्वारा ऑपरेटिंग सिस्टम से इंटरकनेक्ट करता है जब हम उसके द्वारा सीपीयू से कनेक्ट होते हैं और माउस से क्लिक करते हैं किसी भी फंक्शन को चलाने के लिए तो किसी भी केस में ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर और कंप्यूटर के हार्डवेयर से भी इंटरफ़ेस का कार्य करता है जैसे कि हम मैंने आपको पहले ही बताया है कि जब हम माउस से क्लिक करते हैं कीबोर्ड से कंप्यूटर को इंस्ट्रक्शन देते हैं तो यह यूजर के लिए कंप्यूटर हार्डवेयर में एक्सेस करना बहुत ही आसान बनाता है जैसे कीबोर्ड हो गया माउस हो गया इनकी मदद से हम कंप्यूटर में कंप्यूटर का यूज बहुत ही आसानी से कर सकते हैं यह हमारे लिए एक यूजर इंटरफेस की तरह कार्य करते हैं