Hello friends आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। हमारे blog पर दोस्तों आज हम आपको बताने वाले हैं GPS के बारे में दोस्तों आप सभी GPS का नाम तो सुना ही होगा और आपने अपने Mobile phone में google map का ऑप्शन देखा होगा और इसका use भी किया होगा आज हम आपको बताने वाले हैं What is GPS और यह कैसे work करता है।
GPS |
What is GPS
GPS का Full form global positioning system (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) होता है। यह एक ऐसा सिस्टम है जिसकी मदद से आम user अपने mobile phone, tablet, laptop, navigation unit की मदद से अपनी लोकेशन का बड़ी आसानी से पता लगा सकता है। यह शुरू हुआ था 1970 और 1980 के दशक के बीच में GPS की शुरुआत अमेरिका ने की थी अपने army navigation-purpose के लिए लेकिन फिर आगे चलकर सन 2000 में GPS पूरे तरीके से public के लिए launch कर दिया गया था GPS एक उपग्रह navigation प्रणाली है जो कि किसी भी चीज की लोकेशन पता करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
अब यह टेक्नोलॉजी इतनी ज्याद इस्तेमाल होती है की इसे आप अपने मोबाइल में, हवाई जहाज में, रेल में, बस, यहां तक कि गाड़ियों में भी इसका इस्तेमाल होता है इस तकनीक का इस्तेमाल रास्ता ढूंढने के लिए बहुत ज्यादा होता है इसलिए यह तकनीक ट्रांसपोर्ट मैं बहुत ज्यादा इस्तेमाल होती है इसकी मदद से हम किसी भी रास्ते का पता बड़ी आसानी से लगा सकते हैं हम अपनी लोकेशन से किसी दूसरी लोकेशन की दूरी distance भी बड़ी आसानी से पता कर सकते हैं।
- USES OF GPS
1. Location ( अपनी location जानने के लिए)
2. Navigation (एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए)
3. Tracking (किसी चीज या वाहन को track करने के लिए)
4. Mapping (दुनिया नक्शा बनाने के लिए)
5.Timing (सही समय जानने के लिए)
जैसे अमेरिका की navigation system वैसे ही कुछ देश ऐसे भी हैं जिनकी की अपनी खुद की navigation system है जिसमें भारत भी शामिल है
भारत की navigation system का नाम है।
Indian Regional Navigation Satellite System (IRNSS)
इन सभी देशों में से भारत और चीन की satellite सिर्फ अपने देश के Area कोही कवर करती है।
- How GPS work
अब हम बात करते हैं कि GPS कैसे work करता है।
हमारे smart phone या किसी भी GPS unit मैं एक GPS receiver लगा होता है जो satellite सेब भेजे हुए signal को receive करता है पृथ्वी के orbit चक्कर लगा रही प्रत्येक GPS सेटेलाइट एक निश्चित समय अंतराल के बाद signal भेजती रहती है। इस signal मैं उससे सेटेलाइट की current position और signal भेजे जाने का time निहित होता है time की सटीक गणना के लिए प्रत्येक सेटेलाइट में atomic clock का use किया जाता है। atomic clock ऐसी clock होती है जो लाखों-करोड़ों सालों तक भी सही समय बता सकती है इन clock’s मैं किसी भी तरह की गड़बड़ी होने की संभावना ना के बराबर रहती है जब इन सेटेलाइट के द्वारा भेजे गए signal पृथ्वी पर मौजूद किसी GPS receiver के संपर्क में आते हैं। तो receiver इन संकेतों को receive करके read करता है जैसे ही GPS receiver को यह सिग्नल प्राप्त होते हैं तो receiver signal प्राप्त होने के time मैं से signal भेजे जाने के time को घटाकर यह पता कर लेता है कि signal भेजने वाली सेटेलाइट उससे कितनी दूरी पर और किस location पर मौजूद है अगर GPS receiver को तीन सेटेलाइट से signal मिल जाए तो GPS receiver अपनी लोकेशन को निर्धारित कर सकता है अपनी लोकेशन निर्धारण करने की इस पूरी process को Trilateration कहा जाता है।
- What is Trilateration
अब हम बात करते हैं Trilateration की
TRANSLITERATION |
हम Trilateration को कुछ इस तरह से समझते हैं। आप इस चित्र को ध्यान से देखिए और आप Imagine कीजिए कि इसमें लाल बिंदु की जगह आप खड़े हुए हैं।और आपके हाथ में एक gps system receiver जैसे ही आप अपने gps को open करते हैं आपका gps receiver सैटेलाइट A से signal प्राप्त कर उसकी loaction पता लगा लेता है लेकिन सैटेलाइट A कवरेज area circle A सीमित है।मतलब आप इस पूरे A circle मैं कहीं ना कहीं मौजूद अवश्य होंगे अब आपका gps receiver किन्ही दो अन्य सैटेलाइट B और C से signal प्राप्त कर उनकी location कवरेज area का पता कर लेता है सैटेलाइट B के अनुसार आप उसके circle मैं होंगे जबकि सेटेलाइट C के अनुसार आप C के circle मैं कहीं ना कहीं मौजूद होंगे तीनों ही सेटेलाइट के according आप उनके कवरेज area यानी की उनके circle मैं मौजूद है और यहां केवल एक ही बिंदु ऐसा होता है जहां तीनों सैटेलाइट का कवरेज एक साथ आता है और यही बिंदु आपकी real location होती है अगर सरल शब्दों में बात की जाए तो तीनों सैटेलाइट से प्राप्त data की help से एक gps receiver 3 equation बनाता है और इस 3 equation मदद से east, north, antitude के according हमारी location निर्धारित करता है।
gps receiver तीन या चार सेटेलाइट से या फिर उससे अधिक सेटेलाइट से signal प्राप्त करने में सफल हो जाता है तो हमें हमारी current location का पता लग जाता है।
- How to use GPS
सबसे पहले google map Download करके उसे install करें अगर पहले install है तो उसे open करें
GOOGLE MAP |
google map को mobile मे open करने के बाद आपको ऊपर की तरफ search box दिखाई देगा।
GOOGLE MAP SEARCH BOX |
search box मे उस लोकेशन या जगह का नाम डालें जो आपको search करना है।
GPS |
petrol pump search करते ही नीचे अपने लोकेशन के आसपास के सारे पेट्रोल पंप के नाम आ जाएंगे आपको जो लोकेशन ठीक लगे उस पर क्लिक कर दीजिए।
GPS IS IN |
नाम पर क्लिक करने के बाद आपको अपने mobile की screen पर रास्ता दिखाई देगा
पेट्रोल पंप पर जाने के लिए नीचे start बटन पर क्लिक कीजिए क्लिक करते ही आपको आपकी लोकेशन मिल जाएगी और आप अपनी लोकेशन तक आसानी से पहुंच जाएंगे।
MOBILE SCREEN |
और इस प्रकार आप अपने मोबाइल फोन से gps को ON करके google map इस्तेमाल कर सकते हैं हमारी लोकेशन से किसी स्थान तक जाने के लिए gps का सहारा लिया जाता है और हमें सही रास्ता दिखाता है और साथ में यह भी बताता है कि अभी कहां पर हैं
google map का इस्तेमाल करके आप अपनी लोकेशन का आसानी से पता लगा सकते हैं।