IOT – इन्टरनेट ऑफ़ थिग्स (INTERNET OF THINGS ) |
वस्तुओ का नेटवर्क या इन्टरनेट ऑफ़ थिग्स (INTERNET OF THINGS ). एसी भोतिक वस्तुओ का नेटवर्क है जिनमे इलेक्ट्रॉनिक्स ,सॉफ्टवेर सेंसर आदि तत्व होते हे | और इसके साथ नेटवर्क कनेक्टिविटी भी होती हे |INTERNET OF THINGS एक ऐसा वातावरण प्रदान करता हे जिसमे OBJECTS जिनमे जानवर या इन्सान को अक यूनिक ID दी जाती हे बिना मानव से मानव अथवा मानव से कंप्यूटर के ये सभी प्रतिभागी नेटवर्क पर डाटा का आदान प्रदान कर सकते हे इसमें मशीन से मशीन के बिच संचार पर जोर दिया गया हे |
IOT – इन्टरनेट ऑफ़ थिग्स (INTERNET OF THINGS ) |
What is internet of things
IOT का full form internet of things होता है इस शब्द का पहली बार उपयोग केविन एस्टन द्वारा किया गया था
किसी भी device को internet से या फिर एक दूसरे के साथ connect करना जिसे हम IOT एक बहुत बड़ा network होता है connected devices और लोगों के बीच जिसमें device के owner का कोई भी important काम खुद perfect time पर करता है iot के जरिए कई प्रकार के प्रौद्योगिक और उपकरणों को एक साथ जोड़ा जा सकता है iot का इस्तेमाल सभी गैजेट्स इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को इंटरनेट के माध्यम से आपस में जुड़ने के लिए किया जाता है इस तकनीक की मदद से जोड़े गए सभी स्मार्ट डिवाइस एक दूसरे को डाटा भेजते हैं और एक दूसरे से डाटा प्राप्त कर सकते हैं एक दूसरे को भेजे गए डाटा के आधार पर फिर यह काम करते हैं
जैसे कि हम एक उदाहरण के जरिए समझते हैं कि iot का क्या कार्य है
- अगर आप घर से बाहर जाते वक्त आप अपने घर का A.C बंद करना भूल जाते हैं और आप अपने ऑफिस पहुंच चुके हैं तो आप iot की मदद से A.C को ऑफिस से बंद कर सकते हैं
- iot की मदद से आप अपने घर के स्मार्ट माइक्रोवेव को मैनेज कर सकते हैं
- इसी तरह अगर आपकी गाड़ी में कोई खराबी आ जाती है तो इसकी जानकारी उस गाड़ी बनाने वाली कंपनी के पास iot की मदद से तकनीक आसानी से चली जाएगी
आप इस तकनीक का फायदा तभी उठा सकते हो जब आपका मोबाइल या डिवाइस ip address के साथ इस उपकरण से जुड़े हो
Iot मे सेंसर का बहुत महत्व पूर्ण भाग होता है।
- Pressure sensor
- Water quality sensor
- Temperature sensors
- IR sensors
- Proximity sensor
- Smoke sensor
How does it work
एक पूरा iot सिस्टम चार अलग-अलग component को एकत्रित कर कार्य करता है यह कंपोनेंट सेंसर या उपकरण कनेक्टिविटी, डाटा प्रोसेसिंग और यूजर इंटरफेस है सबसे पहले सेंसर या डिवाइस अपने वातावरण से डाटा एकत्रित करता है जिसके बाद उस डाटा को क्लाउड पर भेजा जाता है वही सेंसर सेलुलर सैटेलाइट wifi, ब्लूटूथ, जैसी चीजों के जरिए अपना डेटा क्लाउड को भेजता है एक बार जब डेटा क्लाउड पर जाता है तो सॉफ्टवेयर उस डाटा पर प्रोसेसिंग करता है के बाद वह जानकारी भेजता है इस तरह से पूरा internet of things कार्य करता है